हरदा: भोपाल के गेस्ट्रो केयर अस्पताल पर गंभीर आरोप; डॉक्टरों की लापरवाही से युवक का हाथ सड़ा,काटना पड़ा

हरदा। भोपाल स्थित गेस्ट्रो केयर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल गंभीर आरोपों के घेरे में है। हरदा में यातायात पुलिस में एएसआई के पद पर कार्यरत सुरेन्द्र मालवीया ने भोपाल के अस्पताल और उसके डॉक्टरों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के चलते उनके 30 वर्षीय पुत्र लोकेश का हाथ सड़ गया और उसे काटना पड़ा।

बता दे कि पीड़ित लोकेश के पिता सुरेन्द्र मालवीया ने बताया कि उनके पुत्र को पेट में दर्द की शिकायत के बाद भोपाल के गेस्ट्रो केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां डॉ. संजय कुमार और डॉ. विशाल रामपुरी की टीम द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था। मालवीया का आरोप है कि अस्पताल ने 14 फरवरी 2025 से 25 मार्च 2025 तक लोकेश को भर्ती रखा और इलाज के नाम पर 19 लाख रुपये वसूलने के बावजूद उसे छुट्टी दे दी गई, जबकि उसका हाथ अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुआ था और आगे सर्जरी होनी बाकी थी।

सुरेन्द्र मालवीया ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अधूरे इलाज में छुट्टी देकर उनके पुत्र के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया और उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके पुत्र को आईसीयू में क्यों रखा गया और हाथ का गलत चीरा लगाकर, गलत पट्टी बांधकर और सही ड्रेसिंग न करके घोर लापरवाही बरती गई। उन्होंने विशेष रूप से डॉ. विशाल रामपुरिया पर गलत चीरा लगाने और कई हफ्तों तक मरीज को न देखने का आरोप लगाया।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि खून पतला करने का इंजेक्शन लगाने के बाद लोकेश का दायां हाथ लाल पड़ गया और उसमें सूजन आ गई। इसके बाद डॉ. संजय कुमार ने डॉ. विशाल रामपुरिया को बुलाया, जिन्होंने सूजन निकालने के लिए हाथ पर एक और गलत चीरा लगाया, जिसके चलते लोकेश का पूरा हाथ सड़ गया। पीड़ित पिता का आरोप है कि इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें कोई सही जानकारी नहीं दी और लगातार झूठ बोलकर उनसे पैसे ऐंठते रहे।

सुरेन्द्र मालवीया ने बताया कि जब उन्होंने ओपीडी में अपने पुत्र के हाथ की हालत देखी तो वह पूरी तरह सड़ चुका था। उनके शोर मचाने पर डॉ. हरिसिंह विश्नोनिया को बुलाया गया, जिन्होंने जांच के बाद बताया कि संक्रमण के कारण हाथ को पंजे के ऊपर से काटना पड़ेगा। पीड़ित पिता का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और लालची रवैये के कारण उनके बेटे का दायां हाथ काटना पड़ा, जिससे वह हमेशा के लिए विकलांग हो गया।

सुरेन्द्र मालवीया ने कलेक्टर से इस गंभीर लापरवाही के खिलाफ तत्काल दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने और घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही उन्होंने डॉ. विशाल रामपुरिया, डॉ. संजय कुमार और उनके स्टाफ के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और इलाज में खर्च हुए 19 लाख रुपये के साथ-साथ अपने 30 वर्षीय पुत्र को विकलांगता के लिए 10 करोड़ रुपये का हर्जाना दिलाने की भी मांग की है।

सुरेन्द्र मालवीया ने अपनी शिकायत के साथ गले हुए और कटे हुए हाथ के फोटोग्राफ भी संलग्न किए हैं और इलाज से संबंधित सभी दस्तावेज पेश करने की बात कही है। इस शिकायत की प्रतिलिपि हरदा और भोपाल के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक, नर्मदापुरम रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, हरदा विधायक आर. के. दोगने और नर्मदापुरम विधायक डॉ. सीताचरण शर्मा को भी भेजी गई है, ताकि इस गंभीर मामले पर तत्काल ध्यान दिया जा सके। यह सनसनीखेज घटना भोपाल के स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है।

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